RAJU नया -नया DILLI आया था गाँव से , पुलिया के नीचे आदमियों की भीड़
ज्यादा दिखी तो वहीं बगल मैं लगा लिया मूंगफली का ठेला, अभी बोहनी भी नही
हुयी थी किएक आदमी आया और ठेले मैं से मुठी भर कर मूंगफली उठाई और चलता
बना, रामू ने उसे आवाज देकर पैसे के लिए कहा तो भद्दी सी गाली देते हुए
RAJU को मरने के लिए झपटा, RAJU भी कोई कम नही था, अभी-अभी बीसवें साल मैं
कदम रखा ही था, सरीर भी माता-पिता के लाड और झुमरी गायके दूध कि बदोलत
आसपास के गाँव मैं किसी का नही था ऐसा पाया था, ऐसे मैं वो कहाँ दबने वाला
था, एक ही दावमैं उस आदमी को जमीन दिखा दी, और फ़िर जो लगा दे दनादन जो उसे
तबला बना दिया, तभी भीड़ मैं से कोई चिल्लाया
अरे ये तो बिल्लू दादा है , अब ये ठेले वाला तो गया कम से, दादा की इजाजत के बगेर तो इस इलाके मैं पत्ता भी नही हिलता,
RAJU के हाथ जहाँ के तहां रुक गए, सीन बदल गया था, अब हाथ दादा के चल रहे थे और RAJU गिडगिडा रहा था, माफ़ी मांग रहा था,
अरे ये तो बिल्लू दादा है , अब ये ठेले वाला तो गया कम से, दादा की इजाजत के बगेर तो इस इलाके मैं पत्ता भी नही हिलता,
RAJU के हाथ जहाँ के तहां रुक गए, सीन बदल गया था, अब हाथ दादा के चल रहे थे और RAJU गिडगिडा रहा था, माफ़ी मांग रहा था,
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