सभी मरेंगे ही, यही संसार
का नियम है। साधु हो या असाधु, धनी हो या दरिद्र सभी मरेंगे। चिरकाल तक
किसी का शरीर नहीं रहेगा। अतएव उठो, जागो और संपूर्ण रूप से निष्कपट हो
जाओ। भारत में घोर कपट समा गया है। चाहिए चरित्र, चाहिए दृढ़ता और चरित्र
का बल, जिससे मनुष्य आजीवन दृढ़व्रत बन सके।
Saturday, August 3, 2013
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