Saturday, November 2, 2013

साँवली बिटिया .

रंग सांवला बिटिया का 
कैसे ब्याह रचाऊँगा 
बेटे जो होते सांवले...
शिव और कृष्णा उन्हें बनाता 
बेटी को क्या उपमा दिलाऊंगा ....

पढ़ी लिखी संस्कारी है वो
गुणों से सुसज्जित न्यारी है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
पर अपने रंग से थोड़ा सा लजाई है वो .......

गोरा तो गोरी ही चाहे
काले को भी गोरी ही मनभाए
सांवल किसी को क्यूँ ना सुहाए
प्रेम का रंग क्यूँ कोई देख ना पाए ......

वो भी सृजन है देवों का
करुणा , ममता उसमे भी है
घर की लक्ष्मी भी बन दिखाएगी वो
ग़र समझो उसे की वो अपनी है....

सांवली है पर संध्या है वो..
भोर की पहली सांवली बदरिया है वो
मेरी तो राजदुलारी है वो
सांवल है तो क्या??
बिटिया बड़ी ही प्यारी है वो......

पढ़ी लिखी संस्कारी है वो
गुणों से सुसज्जित न्यारी है वो .

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