अधरों पर शब्दों को लिख के मन के भेद न खोलो ,,,,,मै आँखों से सुन सकता हूँ तुम आँखों से बोलो ,,सत्य बहुत तीखा होता है, सोच समझ कर बोलो !!!!
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फ़ुटपाथ पर पड़ा था>>>>>>>>>, वो भूख से मरा था>>>>>>>>>> कपड़ा उठा के देखा>>>>>>>>> तो पेट पे लिखा था… -""""सारे जहां से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा""… ----------------------------------------
4 comments:
बहुत सटीक लिखा शुक्ला जी, शुभकामनाएं.
रामराम.
हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका सादर स्वागत है....
बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
स्वागत है.....शुभकामनायें.
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