हर व्यक्ति के जीवन में एक दिन ऐसा जरूर होता है जिसकी यादें उसे हमेशा
सुखद महसूस होती हैं। परेशानी के समय में इस दिन की याद पीड़ा कम करती हैं
और प्रेरणा भी देती हैं।
यह दिन जीवन में कब आ जाए, कहा नहीं जा सकता। कोई खास घटना होती है और साल के 365 दिनों में से केवल एक दिन ही उम्र भर के लिए खास बन जाता है। इस खास दिन की यादें हमेशा ताजा रहती हैं।
कुछ पश्चिमी देशों में अक्तूबर माह के तीसरे शनिवार को स्वीटेस्ट डे मनाया जाता है। स्वीटेस्ट डे यानी मीठी मीठी यादों वाला एक मीठा मीठा सा दिन।
एक गैर सरकारी संगठन चला रहे अनुभव शर्मा कहते हैं जिंदगी रोज की तरह गुजर रही थी। कड़कड़ाती ठंड के मौसम में, शाम को मैं अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था। मैंने एक महिला को ठिठुरते हुए देखा। उसके पास पर्याप्त गर्म कपड़े नहीं थे। मैंने एक स्वेटर और कोट पहन रखा था। अपना स्वेटर उतार कर मैंने उस महिला को दे दिया। उसकी आंखों में स्वेटर को देख कर जो चमक दिखी उसे मैं आज तक नहीं भूल पाया।
यह दिन जीवन में कब आ जाए, कहा नहीं जा सकता। कोई खास घटना होती है और साल के 365 दिनों में से केवल एक दिन ही उम्र भर के लिए खास बन जाता है। इस खास दिन की यादें हमेशा ताजा रहती हैं।
कुछ पश्चिमी देशों में अक्तूबर माह के तीसरे शनिवार को स्वीटेस्ट डे मनाया जाता है। स्वीटेस्ट डे यानी मीठी मीठी यादों वाला एक मीठा मीठा सा दिन।
एक गैर सरकारी संगठन चला रहे अनुभव शर्मा कहते हैं जिंदगी रोज की तरह गुजर रही थी। कड़कड़ाती ठंड के मौसम में, शाम को मैं अपने दोस्तों के साथ घूम रहा था। मैंने एक महिला को ठिठुरते हुए देखा। उसके पास पर्याप्त गर्म कपड़े नहीं थे। मैंने एक स्वेटर और कोट पहन रखा था। अपना स्वेटर उतार कर मैंने उस महिला को दे दिया। उसकी आंखों में स्वेटर को देख कर जो चमक दिखी उसे मैं आज तक नहीं भूल पाया।
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