Friday, April 18, 2014

टाइम मैनेजमेंट

टाइम मैनेजमेंट’ यानी ‘समय के प्रबंधन’ का मतलब होता है, अपने वक्त को, कार्य के महत्व और उसकी प्राथमिकता देखते हुए इस्तेमाल करना। आसान सी भाषा में कहा जाए तो - किसी काम को तय वक्त में सही ढंग से करना - टाइम मैनेजमेंट है। 
हर इंस्टीट्यूशन या संस्थान में कर्मचारियों को एक तय समयसीमा (डेडलाइन) के भीतर कार्य पूरा करना होता है, इसीलिए वक्त की कीमत समझना और उसका सही इस्तेमाल करना ज़रूर सीखना चाहिए।
समय का सही प्रबंधन कैसे करें?
हमेशा अपने साथ एक डायरी रखें- इस डायरी में आप अपने हर काम के लिए तय तारीख और समय को लिखें और उस पर अमल रखें। ये रिकॉर्ड बाद में आपको बताएगा कि कहां आपने ज़रूरत से ज़्यादा वक्त खर्च किया और कहां ये वक्त बच सकता था।
हर रोज़ की योजना बनाएं- अपने हर रोज़ के कार्यों की पहले से लिस्ट बना लें। लिस्ट में उस काम का क्रम तय करें। इससे आप ज़्यादा से ज़्यादा काम कर पाएंगे और एन वक्त पर भ्रम की स्थिति और भागदौड़ से बचेंगे।
प्राथमिकता के अनुसार कार्य करें- कोई कार्य कितना ज़रूरी है, इस आधार पर उसकी प्राथमिकता तय करें, और लिस्ट में उसका क्रम तय करें। कम उपयोगी समय बर्बाद कर सकते हैं, और वही वक्त और उर्जा ज़रूरी कार्य में लगाया जा सकता है।
ना बोलना सीखें- किसी भी दूसरे कार्य के लिए ‘हां’ बोलने से पहले आप अपने अपने तय लक्ष्य और योजना पर गौर कर लें। वर्ना आपको वो कार्य करना होगा, जो आप चाहते नहीं हैं।
कार्य बांटे- कई कार्य आप अपने अधीन कर्मचारियों से करवा सकते हैं, ताकि आपका समय बचे। बड़े कार्यों को छोटे - छोटे कार्यों में बांटे, जिससे कार्य को सुविधाजनक और आसानी से अंजाम दिया जा सकता है।
विचलित होने से बचें- कोई ज़रूरी या बड़ा कार्य करते वक्त एकांत में बैठें और फोन बंद कर दें।
सहकर्मियों से सलाह लें- किसी समस्या पर लंबे वक्त तक समय व्यर्थ करने के बजाय अपने सहकर्मियों से सलाह लें।
अच्छा खाना खाएं, पूरी नींद लें और एक्सरसाइज़ करें- इससे आपकी कार्यक्षमता बढ़ेगी, आप एकाग्रता से कम वक्त में बेहतर कार्य करेंगे। 

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