आज के दौर में कई संस्थानों के लिए उनके कर्मचारियों का स्ट्रेस
मैनेजमेंट (तनाव का प्रबंधन) आम समस्या बन गई है। तनाव (स्ट्रेस) किसी
व्यक्ति पर डाले गए अनुचित, अनचाहा और बहुत अधिक दबाव की प्रतिक्रिया है।
कुछ मामलों में तनाव के अच्छे परिणाम भी सामने आते हैं, जैसे एक समयसीमा के अंदर काम करने का तनाव किसी कर्मचारी से वक्त पर काम करवा लेता है। कई बार तनाव में कर्मचारी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी कर डालता है, वो काम करने के नये नये और चतुराई भरे तरीके सीख लेता है। ये तनाव का अच्छा पहलू है, जिसे एनस्ट्रेस कहते हैं।
लेकिन ज़्यादातर मामलों में तनाव के खराब नतीजे ही सामने आते हैं, जिन्हें डी-स्ट्रेस कहा जाता है।
तनाव के लक्षण
कुछ मामलों में तनाव के अच्छे परिणाम भी सामने आते हैं, जैसे एक समयसीमा के अंदर काम करने का तनाव किसी कर्मचारी से वक्त पर काम करवा लेता है। कई बार तनाव में कर्मचारी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन भी कर डालता है, वो काम करने के नये नये और चतुराई भरे तरीके सीख लेता है। ये तनाव का अच्छा पहलू है, जिसे एनस्ट्रेस कहते हैं।
लेकिन ज़्यादातर मामलों में तनाव के खराब नतीजे ही सामने आते हैं, जिन्हें डी-स्ट्रेस कहा जाता है।
तनाव के लक्षण
- पेशियों में तनाव और सिरदर्द
- सोने में दिक्कत
- किसी एक चीज़ पर ध्यान केंद्रित ना कर पाना
- चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन महसूस करना
- कार्य में दिलचस्पी ना होना
- थकावट महसूस करना
- बहुत ज़्यादा खाना या फिर कुछ नहीं खाना
- फिज़ूल में बहस करना
- याददाश्त कमज़ोर होना
- कार्य की ज़िम्मेदारियों से भागना
- ज़रूरत से ज़्यादा शराब और सिगरेट पीना
- समाज से दूरी बनाना
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