सद्गुरू
कबीर का कहना है कि पड़ोसी के साथ हो रहे व्यवहार को नजरअंदाज न करो। कल
वैसा ही व्यवहार तुम्हारे साथ भी हो सकता है। अगर तुम्हारे पड़ोसी के साथ
कुछ गलत हो रहा है तो यह सोच कर कि ‘मुझे इससे क्या’ मुंह न फेरो, बल्कि
उस समय उसका साथ दो। कल को तुम्हारे साथ अत्याचार होते देख तुम्हारा
पड़ोसी तुम्हारी सहायता के लिए न आए।
अगर हमारा व्यवहार अपने पड़ोसी के साथ अच्छा है तो हम उसके सुख:दुख में उसका साथ दे सकते हैं। वह भी विपत्ति के समय हमारा साथ देगा। वातावरण का प्रभाव हम पर पड़ता है। अगर आपके घर का माहौल बहुत खुशनुमा है और आपके पड़ोसी की यहां रोज लड़ाई झगड़ा होता है तो इसका असर आपके बच्चों पर भी पड़ेगा। इसलिए आप पड़ोसी के खुशियों का ख्याल रखें।
हरि का नामु रिदै नित धिआई ॥
संगी साथी सगल तरांई ॥1॥
गुरु मेरै संगि सदा है नाले ॥
सिमरि सिमरि तिसु सदा समले ।
तेरा कीआ मीठा लागै ॥
हरि नामु पदारथु नानकु मांगै ॥
ईश्वर का नाम रात दिन जपने वाला अपने संगी साथियों को भी पनाह देता है। ऐसा व्यक्ति किसी का बुरा नहीं कर सकता क्योंकि परमात्मा हमेशा उसके साथ है। ईश्वर की छत्रछाया में रहने वाले व्यक्ति का व्यवहार हमेशा दूसरे के लिए प्रेरणादायी होता है। इसलिए हमेशा हरि का नाम जपते हुए दूसरे का भला करने का प्रयास करें।
अगर हमारा व्यवहार अपने पड़ोसी के साथ अच्छा है तो हम उसके सुख:दुख में उसका साथ दे सकते हैं। वह भी विपत्ति के समय हमारा साथ देगा। वातावरण का प्रभाव हम पर पड़ता है। अगर आपके घर का माहौल बहुत खुशनुमा है और आपके पड़ोसी की यहां रोज लड़ाई झगड़ा होता है तो इसका असर आपके बच्चों पर भी पड़ेगा। इसलिए आप पड़ोसी के खुशियों का ख्याल रखें।
हरि का नामु रिदै नित धिआई ॥
संगी साथी सगल तरांई ॥1॥
गुरु मेरै संगि सदा है नाले ॥
सिमरि सिमरि तिसु सदा समले ।
तेरा कीआ मीठा लागै ॥
हरि नामु पदारथु नानकु मांगै ॥
ईश्वर का नाम रात दिन जपने वाला अपने संगी साथियों को भी पनाह देता है। ऐसा व्यक्ति किसी का बुरा नहीं कर सकता क्योंकि परमात्मा हमेशा उसके साथ है। ईश्वर की छत्रछाया में रहने वाले व्यक्ति का व्यवहार हमेशा दूसरे के लिए प्रेरणादायी होता है। इसलिए हमेशा हरि का नाम जपते हुए दूसरे का भला करने का प्रयास करें।
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